कोई अच्छा चेहरा नज़र आए तो
उधर जाते-जाते इधर आए तो
ये दिल यूँ तो बच्चों का बच्चा है पर
गुनाह कोई संगीन कर आए तो
चला तो हूँ मैं अपना घर छोड़ कर
मगर साथ में मेरा घर आए तो
कबूतर तेरा उड़ते-उड़ते अगर
मेरी टूटी छत पर उतर आए तो
सबब हो तो रोना भी अच्छा लगे
मगर बेसबब आँख भर आए तो
उधर जाते-जाते इधर आए तो
ये दिल यूँ तो बच्चों का बच्चा है पर
गुनाह कोई संगीन कर आए तो
चला तो हूँ मैं अपना घर छोड़ कर
मगर साथ में मेरा घर आए तो
कबूतर तेरा उड़ते-उड़ते अगर
मेरी टूटी छत पर उतर आए तो
सबब हो तो रोना भी अच्छा लगे
मगर बेसबब आँख भर आए तो
मुहम्मद अल्वी
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