कहते हो, न देंगे हम दिल, दिल अगर पड़ा पाया
दिल कहाँ, की गुम कीजे, हमने मुद्दा पाया
इश्क से, तबियत ने, ज़ीस्त* का मज़ा पाया
दर्द की दवा पाई, दर्द-ऐ-बेदवा पाया
*दोस्तदारे-दुश्मन , एतिमादे-दिल मालूम
आह बे असर देखि, नाला न-रसा* पाया
सादगी-ओ-पुरकारी*, बेखुदी-ओ-हुशियारी
हुस्न को तगाफुल* में, जुरअत-आज़मा* पाया
गुंचा फिर लगा खिलने, आज हमने अपना दिल
खून किया हुआ देखा, गुम किया हुआ पाया
हाले-दिल नही मालूम, लेकिन इस कदर यानी
हमने बारहा ढूँढा, तुमने बारहा पाया
*शोर-पन्दऐ-नासेह ने ज़ख्म पर नमक छिड़का
आपसे कोई पूछे, तुमने क्या मज़ा पाया
दिल कहाँ, की गुम कीजे, हमने मुद्दा पाया
इश्क से, तबियत ने, ज़ीस्त* का मज़ा पाया
दर्द की दवा पाई, दर्द-ऐ-बेदवा पाया
*दोस्तदारे-दुश्मन , एतिमादे-दिल मालूम
आह बे असर देखि, नाला न-रसा* पाया
सादगी-ओ-पुरकारी*, बेखुदी-ओ-हुशियारी
हुस्न को तगाफुल* में, जुरअत-आज़मा* पाया
गुंचा फिर लगा खिलने, आज हमने अपना दिल
खून किया हुआ देखा, गुम किया हुआ पाया
हाले-दिल नही मालूम, लेकिन इस कदर यानी
हमने बारहा ढूँढा, तुमने बारहा पाया
*शोर-पन्दऐ-नासेह ने ज़ख्म पर नमक छिड़का
आपसे कोई पूछे, तुमने क्या मज़ा पाया
- ग़ालिब
ज़ीस्त - ज़िन्दगी; दोस्तदारे-दुश्मन - दुश्मन का दोस्त; नाला न-रसा - न पहुँचने वाला; पुरकारी - चालाकी; तगाफुल - उदासीनता; जुर्रत-आजमा - धैर्य का परीक्षक; शोर-पन्दऐ-नासेह - उपदेशक की कटुता.
7 comments:
U r doing yeoman service for gazal lovers who do not know urdu.Thank u!
post karne ke liye shukriya janab :D
Thanks for posting :) Really, Ghalib ka hai andaaz-e-bayan aur...and i hardly find his lesser known ghazals. Please continue the good work... :)
Bahut khoob! Shukriya janab!
Awesome! Thanks for sharing :D...
cool dhanyaavaad for sharing this beautiful creation!!
Jab kabhi is or nazar padhe to zaroor dekhein ki hum bhi kitne badnsaeeb hain, ki khushmeesaj dil to lekar baithe hain, magar koi churane wala tak nahi. - Ghalib Sahab
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